गुजरात के जूनागढ़ चिड़ियाघर ने वन विहार काे सिंह का जाे जाेड़ा देने के लिए रखा था वह बूढ़ा अाैर बीमार था। दाे युवा टाइगर, चार चीतल अाैर दाे काले हिरण के बदले गुजरात बूढ़े सिंह दे रहा था। वन विहार प्रबंधन ने इन्हें लेने से इनकार कर दिया। अब सिंह का युवा जाेड़ा बिलासपुर के कानन पेंडारी चिड़ियाघर से अाएगा। नर अाैर मादा सिंह एक ही मां की संतान हैं।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के निर्देश के बाद एनिमल एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत गुजरात, मप्र काे एेसे सिंह दे रहा था, जाे यहां अाने के बाद ज्यादा दिन जीवित रहता। गुजरात एेसा पहली बार नहीं कर रहा है। इसके पहले भी उसने वन विहार काे तीन बार एनिमल एक्सचेंज के तहत सिंह देने का वादा िकया, लेकिन जब टीम सिंह लेने गई ताे बूढ़े अाैर कमजोर सिंह देने की काेशिश की। वन विहार में कुल तीन सिंह बचे हैं। ये सभी अपनी अाैसत उम्र पूरे कर चुके हैं। इसमें दाे नर माेंटू अाैर लांबा हैं अाैर वरू मादा है। 15 अप्रैल 2017 काे असम से चार सिंह लाए गए थे। इसमें वृंदा मादा सिंह की माैत हाे गई है।
मप्र काे नहीं दे रहे सिंह, अन्य राज्यों से हो रहा एक्सचेंज
गुजरात के विभिन्न जिलाें में चल रहे चिड़ियाघर केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण निर्देशाें के बाद भी मप्र काे सिंह नहीं दे रहे हैं जबकि गुजरात ने उत्तरप्रदेश दाे सिंह दिए गए। इसके अलावा दक्षिण भारत में भी एनिमल एक्सचेंज के तहत विभिन्न चिड़ियाघर से सिंह दिए गए हैं।
बैठक के बाद होगी शिफ्टिंग
दाे लाॅयन को वन विहार में शिफ्ट किया जाना है। केंद्रीय चिड़ियाघर में इसकाे लेकर बैठक हाेगी। इसके बाद वन विहार नेशनल पार्क में दोनों सिंहों काे शिफ्ट कर दिया जाएगा।
विवेक चाैरसिया, एसडीअाे, कानन पेंडारी चिड़ियाघर